"ओके।"फिरोज ने कहा, लड़की का मुंह दबाया और विक्रम के पीछे पीछे चल दिया। "ओके।"फिरोज ने कहा, लड़की का मुंह दबाया और विक्रम के पीछे पीछे चल दिया।
उसे अपने पापा के हर बात फटकार सी मालूम होती थी उसे अपने पापा के हर बात फटकार सी मालूम होती थी
माँ इतनी अच्छी क्यों होती है? माँ इतनी अच्छी क्यों होती है?
जंगल तो मेरा दोस्त है। बल्कि हर आदमी का दोस्त है। कैसे राक्षस हैं वे लोग जो जंगलों को काट कर तबाह कर... जंगल तो मेरा दोस्त है। बल्कि हर आदमी का दोस्त है। कैसे राक्षस हैं वे लोग जो जंगल...
"माँ! माँ! चलते समय मेंढक क्या सोचता है?"……… "माँ! माँ! चलते समय मेंढक क्या सोचता है?"………
दुनिया में एक से एक अच्छी चीज़ है खाने की। सबका अपना-अपना स्वाद है। सबके अपने-अपने गुण हैं। दुनिया में एक से एक अच्छी चीज़ है खाने की। सबका अपना-अपना स्वाद है। सबके अपने-अप...